भोपाल, २८/६/२०१०। ऑल इंडिया न्यूज पेपर एम्प्लाइज फेडरेशन की मछलीपट्टनम (आंधप्रदेश) में हुई राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक में सुझाव दिया गया है कि समाचार पत्रों में शुरू किए गए 'कांट्रेक्ट सेवा सिस्टम' पर प्रतिबंध लगाने के लिए प्रधानमंत्री निवास पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाए।
यह सुझाव राष्ट्रीय सचिव राधावल्लभ शारदा ने राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक में रखा। श्री शारदा ने कहा कि लगभग सभी दैनिक समाचार पत्रों में पत्रकारों को कांट्रेक्ट सेवा पर रखा जा रहा है, जो एक अथवा दो वर्ष के लिए होता है। इसमें पत्रकार की न तो सेवा सुरक्षा है और न पेंशन, ग्रेच्यूटी आदि की सुविधा। यह पत्रकारों के भविष्य के लिए बहुत बड़ा खतरा है। धरना प्रदर्शन द्वारा केन्द्र सरकार पर दबाव बनाया जाए कि समाचार पत्रों में कांट्रेक्ट सेवा प्रतिबंधित करने के लिए सरकार आदेश जारी करे। श्री शारदा ने कहा कि मध्यप्रदेश में सरकार का श्रम विभाग सुप्त अवस्था में है। विभाग के पास न तो श्रमजीवी पत्रकारों की कोई सूची है और न नाम। वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन नें सूचना के अधिकार में समाचार पत्रों की जो जानकारी मांगी थी वो बाबा आदम के जमाने की है। यूनियन पत्रकारों पर प्रताड़ना के प्रकरणों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और सरकार तथा पुलिस के स्तर पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। यूनियन की पहल पर मध्यप्रदेश सरकार ने तहसील स्तरीय पत्रकारों को अधिमान्यता देने की घोषणा कर दी है। ऐसे पत्रकारों को अधिमान्यता मिलना शुरू भी हो गई है।
मछली पट्टनम में हुई राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक में उजैन के वरिष्ठ पत्रकार डा. अरुण जैन को राष्ट्रीय कार्य समिति में शामिल किए जाने की घोषणा की गई। बैठक का औपचारिक शुभारंभ मछलीपट्टम के सांसद और जिला परिषद के चेयरमेन डॉ. केएन राव ने किया। ए.आई.एन.ई.एफ.के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध बोस ने वेज बोर्ड के मुद्दों पर जानकारी दी। राष्ट्रीय महासचिव एमएल तलवार ने प्रस्ताव रखा कि वेज बोर्ड अपनी सिफारिशें इस वर्ष के अंत तक प्रत्येक स्थिति में केन्द्र सरकार को सौंपे, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। राष्ट्रीय कार्यसमिति में आंध्र, तमिलनाडु, केरल, बंगाल, असम से भी एक-एक सदस्य को शामिल किया गया। बताया गया कि आईनेफ के 50 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इस अवसर पर वर्षांत में स्वर्ण जयंती समारोह दिल्ली में होगा। राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में देश के सभी प्रमुख रायों के प्रतिनिधि आए थे।
यह सुझाव राष्ट्रीय सचिव राधावल्लभ शारदा ने राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक में रखा। श्री शारदा ने कहा कि लगभग सभी दैनिक समाचार पत्रों में पत्रकारों को कांट्रेक्ट सेवा पर रखा जा रहा है, जो एक अथवा दो वर्ष के लिए होता है। इसमें पत्रकार की न तो सेवा सुरक्षा है और न पेंशन, ग्रेच्यूटी आदि की सुविधा। यह पत्रकारों के भविष्य के लिए बहुत बड़ा खतरा है। धरना प्रदर्शन द्वारा केन्द्र सरकार पर दबाव बनाया जाए कि समाचार पत्रों में कांट्रेक्ट सेवा प्रतिबंधित करने के लिए सरकार आदेश जारी करे। श्री शारदा ने कहा कि मध्यप्रदेश में सरकार का श्रम विभाग सुप्त अवस्था में है। विभाग के पास न तो श्रमजीवी पत्रकारों की कोई सूची है और न नाम। वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन नें सूचना के अधिकार में समाचार पत्रों की जो जानकारी मांगी थी वो बाबा आदम के जमाने की है। यूनियन पत्रकारों पर प्रताड़ना के प्रकरणों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और सरकार तथा पुलिस के स्तर पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। यूनियन की पहल पर मध्यप्रदेश सरकार ने तहसील स्तरीय पत्रकारों को अधिमान्यता देने की घोषणा कर दी है। ऐसे पत्रकारों को अधिमान्यता मिलना शुरू भी हो गई है।
मछली पट्टनम में हुई राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक में उजैन के वरिष्ठ पत्रकार डा. अरुण जैन को राष्ट्रीय कार्य समिति में शामिल किए जाने की घोषणा की गई। बैठक का औपचारिक शुभारंभ मछलीपट्टम के सांसद और जिला परिषद के चेयरमेन डॉ. केएन राव ने किया। ए.आई.एन.ई.एफ.के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुबोध बोस ने वेज बोर्ड के मुद्दों पर जानकारी दी। राष्ट्रीय महासचिव एमएल तलवार ने प्रस्ताव रखा कि वेज बोर्ड अपनी सिफारिशें इस वर्ष के अंत तक प्रत्येक स्थिति में केन्द्र सरकार को सौंपे, जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। राष्ट्रीय कार्यसमिति में आंध्र, तमिलनाडु, केरल, बंगाल, असम से भी एक-एक सदस्य को शामिल किया गया। बताया गया कि आईनेफ के 50 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं। इस अवसर पर वर्षांत में स्वर्ण जयंती समारोह दिल्ली में होगा। राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में देश के सभी प्रमुख रायों के प्रतिनिधि आए थे।
No comments:
Post a Comment